
श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कार्यशालाकौशल विकास आज की महती आवश्यकता- आई पी मिश्रा
**स्थानीय श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा 7 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया”” बायो कैटलिसिस इन एंजाइम प्रोडक्शन एंड काइनेटिक्स विषय पर यह कार्यशाला विख्यात बायो इनोवेल लाइफ साइंस “” कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है। आयोजन प्रभारी डॉ शैफाली माथुर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सात दिवसीय कार्यशाला में विधार्थियों को विशेषज्ञ विभिन्न श्रोतों से एंजाइम के निष्कर्षण उनका प्यूरीफिकेशन,काइनेटिक स्टडी,एंजाइम की कार्यशीलता, गति आदि का अध्ययन करेंगे।इसके लिए प्रमुखता से कॉलम क्रोमैटोग्राफी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।शुभारंभ अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आई पी मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान प्रयोगों पर आधारित है,प्रायोगिक ज्ञान आवश्यक है।इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से हमारे विद्यार्थी नई नई तकनीक से परिचित होते हैं।नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कौशल विकास,इंटर्नशिप को महत्व दिया गया है,जिससे हमारे युवा कौशल में दक्षा हो कर निकले।नौकरी पाने वाले नहीं नौकरी देने वाले बने तभी इन सबकी साथर्कता है।विश्वविद्यालयबकी कुलसचिव डॉ स्मिता सिलेट ने स्वागत भाषण में कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रायोजक संस्था के डॉ डी साहू ने भी एंजाइम की बढ़ती भूमिका और उपादेयता पर चर्चा की।कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष निहारिका देवांगन,डी एस डब्लू डॉ प्राची निमजे,के साथ ही लाइफ साइंस विभाग के डॉ नरेश देवांगन,निकिता चंद्राकर,परख सहगल,स्वेता गायकवाड़,माधुरी पटेल ने सक्रिय रूप से शामिल हुए।कार्यक्रम का संचालन साक्षी एवं सहयोगियों ने किया। वर्कशॉप में 40 छात्र छात्राएं भाग ले रहें हैं।