महिला दिवस के दिन महिलाओं का अपमान

बिश्रामपुर एसईसीएल क्षेत्र में 29 .3 .2025 को महिलाओं के सम्मान के लिए रखे गए कार्यक्रम में महिलाओं का हुआ अपमान आखिर कौन है

जिम्मेदार प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां पूरे भारत में 8 मार्च को महिला दिवस मनाया गया लेकिन विश्रामपुर एसईसीएल के क्षेत्र में 29 मार्च को महिला दिवस का कार्यक्रम हुआ जिसमें विश्रामपुर एसईसीएल की कई महिला कर्मचारीयो की उपस्थिति हुई वही हमेशा ही सुर्खियों में रहने वाली डॉक्टर श्रीता लाल के आए दिन नए-नए कारनामे सामने आते रहते हैं वहीं सूत्रों की माने तो डॉक्टर श्रीता लाल अपना कार्य छोड़ कर एसईसीएल बिश्रामपुर में नेतागिरी करने में लगातार आगे बढ़ती दिखाई दे रही हैं जिनके द्वारा क्या कार्यक्रम होगा या कौन किस कार्यक्रम में शामिल होगा इसका प्लान एसईसीएल बिश्रामपुर केंद्रीय चिकित्सालय में बैठकर बनाया जाता है जिसमें की विश्रामपुर एसईसीएल के उच्च अधिकारी मोहर भी लगते हैं वही एक और डॉक्टर श्रीता लाल का कारनामा सामने आया जहां महिला दिवस के दिन जहां कई महिला कर्मचारियों से लेकर एसईसीएल महाप्रबंधक भी पहुंचे थे

वही डॉक्टर सरिता लाल और साधना मिश्रा और नर्स रेचल उर्फ मेटरन के द्वारा सबके सामने एक एसईसीएल महिला कर्मचारी को डांट फटकार लगाते हुए अभद्र भाषा में बात किया गया वहीं सूत्रों की माने तो जिस महिला कर्मचारी को इन्होंने सबके सामने डांट फटकार लगाया वह कुछ नहीं बोल रही थी उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि कार्यक्रम में वह अपने रिश्तेदार महिला को ले आई थी लेकिन डॉक्टर सरिता लाल का लगातार महिला कर्मचारी को डांट फटकार करना और उनके सहयोग में साधना मिश्रा और रेचल और मैट्रन के द्वारा सहयोग करना कहीं ना कहीं अपने आप को एसईसीएल में महिलाओं के ऊपर दबाव बनाकर अपना नेतागिरी का सिक्का जमाने की कोशिश में लगी हुई है इसमें एक बड़ा सवाल यह भी सामने आता है कि आए दिन एसईसीएल हॉस्पिटल की महिला कर्मचारी के ऊपर दबाव बनाना या फिर किसी को अपनी ड्यूटी में खुला छूट देना इसका जिम्मेदार कौन है और क्यों उच्च अधिकारी ऐसे कर्मचारीओ पर कार्रवाई करने में असमर्थ है या फिर यूनियन के दबाव में कुछ बोल नहीं पाते हैं यह भी एक जांच का विषय है अब देखना यह होगा की खबर चलने के बाद क्या एसईसीएल की महिला नेता डॉक्टर श्रीता लाल और साधना मिश्रा और नर्स रेचल उर्फ मैट्रन के ऊपर क्या कोई कार्रवाई होता है या हमेशा की तरह एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देना जो कि एसईसीएल के अधिकारियों के द्वारा हमेशा किया जाता है वैसा ही रवैया रहेगा

  • Varinder Singh

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