बस्तर जिले के सातों ब्लाकों के शिक्षक उतरे फिर सड़कों पऱ..

युक्तियुक्तकरण में हुई गंभीर अनियमितता सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक जुलाई को बस्तर जिले के सभी सातों विकास खण्ड मुख्यालयों में बारिश क़ी झड़ी के बीच उग्र धरना प्रदर्शन कर एसडीएम, तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारी को मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव तथा संचालक डीपीआई के नाम ज्ञापन सौपा गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षक संगठनों के साझा मंच के द्वारा एक बार फिर से अपनी मांगो को लेकर शासन को घेरते नजर आये। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश स्कूलों में तालेबंदी कि स्थिति रही। वहीं कुछ खुले अधिकांश स्कूलों में माध्यन्ह भोजन के पश्चात छुट्टी कर दी गई। जगदलपुर में मंच को सम्बोधित करते हुए संभागीय संचालक प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि शासन युक्तियुक्तकरण को लेकर जो व्यवस्था आज स्कूलों में बनाई है और 2008 के सेटअप को दरकिनार कर शिक्षकों को प्रभावित किया गया है, जिसके कारण आज स्कूलों में व्यवस्था और बदतर हो गई है। दोषपूर्ण युक्तियुक्तकरण, गलत सेटअप और जुगाड़ वाले अटैचमेंट के बीच चिन्हित शिक्षकों को बचाने और निकालने का खेल काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान देखा गया।

जिला संचालक लुदरसन कश्यप ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण के नाम भर्राशाही की गई है। उम्रदराज शिक्षकों तथा महिलाओं को जबरिया अन्यत्र दूसरे विकासखंड और जिले में भेजा गया। जिला संचालक देवराज खूंटे ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के आंदोलन को हल्के में लेने की भूल न करे, और अधिक परेशान न करे, अन्यथा पूरे प्रदेशभर के शिक्षक स्कूलों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जायेंगे, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस दौरान जिला संचालकगण अजय श्रीवास्तव, आरडी तिवारी, तुलादास मानिकपुरी ने भी मंच को सम्बोधित किया।

शिक्षकों के चार सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से दोषपूर्ण युक्तियुक्तकरण को दुरुस्त कर 2008 के सेटअप के अनुसार शिक्षकों की व्यवस्था किया जाना, सोना साहू प्रकरण को आधार मानते हुए समयमान वेतनमान क्रमोन्नति वेतनमान देने हेतु विभाग से जनरल आदेश जारी करने, नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन सहित सम्पूर्ण लाभप्रदान करना व डीएड योग्यता धारी को भी प्राचार्य पदोन्नति में शामिल किया जाना शामिल है विदित हो कि छत्तीसगढ़ के सभी 146 विकास खण्डों सहित बस्तर जिले के सातों विकास खण्ड में शासन के शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला गया।

जिसमें जगदलपुर विकास खण्ड में मनीष ठाकुर व अधीन सोरी, दरभा विकास खण्ड में बुधराम कश्यप व महताब बघेल, बकावण्ड विकास खण्ड में शत्रुघन कश्यप व कौशिल्या शोरी, तोकापाल विकास खण्ड में भुवनेश्वर कश्यप व कांशीनाथ बघेल, लोहण्डीगुड़ा विकास खण्ड में कमल साय कश्यप व अमित अवस्थी, बस्तर विकास खण्ड में ईश्वर बंधैया व रुद्रनारायण भारद्वाज तथा बास्तानार विकास खण्ड में कृष्णा लाल गांधरला व हेमन्त मण्डावी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया।इस दौरान सतपाल शर्मा, प्रमोद यादव, अधीर राम सोरी, मो ताहिर शेख, अमित पाल, हरेंद्र राजपूत, नीलमणि साहू, प्रकाश सारथी, महेंद्र बघेल, गणेश्वर नायक, संतोष सोनवानी, महेंद्र ठाकुर, सामुराम मौर्य, श्याम सुंदर जान, विकास साहू, अनुपम सरकार, पुष्पा मानिकपुरी, सुमन बघेल, यास्मीन श्रीवास्तव, सरस्वती साहू सहित सैकड़ों शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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