आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू के आह्वान पर जुलाई से बिजली दर में वृद्धि, असमय हो रही अघोषित कटौती और स्मार्ट मीटर की खामी पर आम आदमी पार्टी बस्तर ने विरोध प्रदर्शन किया जाना था। जिसे प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने का बहाना बना कर स्थगित करा दिया गया और धरना स्थल के टेंट खुलने के बाद तहसीलदार द्वारा ज्ञापन लिया गया।

आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता तरुणा साबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार आम जनता की परेशानी को नज़र अंदाज कर रही है जबकि सरकार के इन फैसलों और गैर जिम्मेदाराना रवैये से छत्तीसगढ़ की जनता त्रस्त हो गयी है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ द्वारा जनता को हो रही इन परेशानियों पर 3 जुलाई 2025 को राज्यव्यापी बिजली कार्यालय का विशाल घेराव कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है।

छत्तीसगढ़ के हर जिले में आम आदमी पार्टी द्वारा आम जनता को बिजली सम्बंधित हो रही परेशानियों को देखते हुए सरकार के फैसले और अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ विशाल घेराव कर प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ बिजली सरप्लस राज्य है प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण,यही वजह है कि देश के 5 ऐसे प्रदेश जो बिजली देश भर के राज्य को बेचते हैं उसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है I इसी कड़ी में आज बस्तर जिला के जगदलपुर में भी प्रदर्शन किया जाना था जिसे प्रशासन ने अनुमति का बहाना बना कर रोक दिया।तरुणा ने कहा कि ये लोकतंत्र कि हत्या है साय सरकार किस चीज से डर रही है।

प्रदेश संगठन मंत्री समीर खान ने कहा कि सरकार को अपने खर्चो में कटौती करनी चाहिए, आपने 4 कंपनी बनाई है जिसमें हर कंपनी में अधिकारी और कर्मचारी हैं, अगर 1 कंपनी होती तो अतिरिक्त 3 कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारी के वेतन और खर्चो की बचत होती। आप विद्युत कंपनियों के खर्चे कम नहीं कर रहे जिसकी भरपाई छत्तीसगढ़ की जनता से बिजली दर में बढाकर की जा रही है। बिल में हर माह ऊर्जा प्रभार के साथ अनेक गैरजरुरी चार्ज लिए जातें हैं। विगत कुछ माह पूर्व ही सरकार ने कमर्शियल का रेट बढ़ाया था जिसे व्यापारियों ने अपने सामान का रेट बढ़ाकार जनता से ही वसूला जा रहा है।विद्युत कंपनिया छत्तीसगढ़ की जनता की जेब काटने का काम कर रहे हैं और अपने खास को निजी फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

आगे समीर खान ने कहा कि अभी हाल ही में 1000 मेगावाट की बिजली का अनुबंध MoU छत्तीसगढ़ प्रदेश ने तेलंगाना से भी किया है I फिर भी, नियामक आयोग द्वारा “घाटे” का हवाला देकर दरों में वृद्धि करना तर्कसंगत नहीं प्रतीत होता , बल्कि भ्रष्टाचार का अंदेशा भी प्रतीत होता है । जिस प्रदेश के नागरिकों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए उस प्रदेश के नागरिकों को अब सबसे महंगी बिजली मिलनी जा रही I क्या जनता का मुद्दे उठाना गलत है या बीजेपी सरकार आम लोगों के समस्या पर कोई सरोकार नहीं।

प्रदेश सचिव व प्रवक्ता तरुणा साबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार को बिजली दर वृद्धि के फैसले को वापस लेना चाहिए और प्रदेश के उपभोक्ताओ को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाये, यही छत्तीसगढ के विकास का सार्थक मूल हैं और जो स्मार्ट मीटर मीटर लगाये जा रहें हैं उन मीटरों में बहुत ज्यादा खामी है जिस कारण हर माह बिजली बिल ज्यादा आ रहा है आगे तरुणा ने कहा कि राज्य सरकार को तुरंत ही बढ़ी हुई बिजली दर को वापिस लेना चाहिए असमय बिजली कटौती नहीं करना चाहिए और जो स्मार्ट मीटर लगाये जा रहें हैं उनकी गुणवत्ता को सही चेक कर ही मीटर लगाना चाहिए। आम आदमी पार्टी की ओर से बिजली दर वृद्धि इसमें कटौती और स्मार्ट मीटर के खिलाफ जिले में ज्ञापन के दौरान प्रदेश संगठन मंत्री समीर खान,प्रदेश प्रवक्ता व सचिव तरुणा साबे समेत धीरज जैन,अशीलाल, रामसे धनीराम, बोधुराम सागर, जोगाराम, उत्तम कोपा मंडावी, सुखमन अस्तु मंडावी, महारु यादव आदि उपस्थित रहे।